कुछ
चीजें लगता है जैसे हम पर जबरदस्ती थोप दी गयीं है। अब ये टाई को ही ले
लो। ना जाने इसका अविष्कार किस देश में हुआ, क्यों हुआ, इसका पर्याय क्या
है, क्या ढकती है, क्या सवाँरती है, कहाँ विकसित हुयी, कैसे दुनिया भर
में फैल गयी, मुझे कोई ज्ञान नहीं। अब मुझे ही क्यों, कितनों को होगी इसकी
जानकारी...? बस अंग्रेजों के साथ भारत में आ गयी और गले पड़ गयी।
भगवान भला करे उन स्कूल वालों का जहां मैं पढ़ा, पूरा टाई-मुक्त बचपन गुजारा। बड़े होने पर शादी-ब्याह या अन्य किसी समारोह में जाना होता था तो डैडीजी बड़ी तन्मयता से हम भाईयों के गले में टाई के छोर ना जाने कैसे-कैसे एक दूसरे में घुसा के, निकाल के, खींच के सैट करके मुस्कुराते हुए कहते थे- "अब बनी है सही नॉट !!"
मैं वो नॉट खराब नहीं होने देता। सावधानी से उतार कर अगले इस्तेमाल के लिए रख लेता। जब भी आवश्यक होता पूरी श्रृद्धा के साथ वरमाला की तरह गले में डाल कर, एक हाथ से पहले से बँधी हुयी नॉट पकड़ के दूसरे हाथ से टाई का पतले वाला छोर, जो कि आवश्यक रूप से अन्दर की तरफ ही रखा जाता है, को खींच कर किसी तरह सैट कर लेता और जतन से अपनी शर्ट के कॉलर से ढाँप लेता। तमाम झंझटों से भरे हुए इस रंग-बिरंगे परिधान को पहने का सलीका ना मुझे आया और ना ही मैंने कभी सीखने का प्रयास किया।
शादी के वक़्त भी, मुझे अच्छे से ध्यान है, बरात की घोडी गेट पर खड़ी थी, बैंड बज रहा था, और मैं टाई हाथ में लिए रिश्तेदारों से भरे घर में अपने डैडीजी को ढूंढ रहा था। ज्यदातर टाइयां जो मेरे पास हैं, वो मेरी पत्नी ने खरीदी हैं या किसी ने दी हैं। एक-दो बार मैं भी खरीदने गया हूँ। घनघोर कन्फ्यूज हो जाता हूँ। रंगों और किस्मों की इतनी वैरायटी .. !! ठीक से समझ आ गया है कि महिलायें साड़ियाँ खरीदते वक्त इतनी कन्फ्यूज क्यों रहतीं हैं।
बरहाल, समय के साथ टाइयां भी बदल रहीं हैं और उनको बांधने का स्टाइल भी। सिंगल-नॉट, विंडसर-नॉट, डबल-नॉट ... और ना जाने क्या-क्या। किसी जमाने में केवल पुरुषों के गले पड़ने वाली टाई अब जींस, पेंट, शर्ट, टीशर्ट, पायजामा और हाफ पेंट की तरह ही लिंग भेद भूल कर महिलाओं की भी पसंद बनती जा रही है।
आप भी सोच रहे होगे कि आज ये अचानक टाई-पुराण कहाँ से शुरू हो गया। हुआ कुछ इस तरह कि मेरा पुत्र जो तीसरी कक्षा का छात्र है, उसने एक दिन एलान कर दिया कि अब वो इलास्टिक वाली "सुविधाजनक" टाई पहन कर स्कूल नहीं जाएगा। बस आ गयी नयी टाई और साथ ही साथ खड़ी हो गयी एक विकट समस्या भी कि अब इसे बांधेगा कौन। किसी मित्र से मिन्नतें कीं ... बँधवा के दी। कुछ दिनों के बाद उसने उसकी गाँठ खोल ली। वही संकट फिर खड़ा हो गया। बहुत फटकार लगाई। और टाई ... टाई बेचारी पड़ गयी अलमारी के किसी कौने में।
अभी कुछ दिन पहले डैडीजी घर आए। आज सुबह-सवेरे ही वापस चले भी गए। उनके जाने के बाद जल्दी-जल्दी ऑफिस जाने की तैयारी में लग गया। बेटे को भी फ़टाफ़ट तैयार कराया। थोड़ी देर भी हो रही थी। मैं गाड़ी निकाल कर तैयार था कि देखा- बेटा हाथ में टाई लिए चला आ रहा है। बस झुंझलाहट आ गयी- अब इसे बांधेगा कौन। बेटा चुपचाप पीछे की सीट पर बैठ गया। और बस फिर उसी तरह जैसे डैडीजी करते थे... टाई के छोर को पकड़ के यहाँ से घुसाना .. वहाँ से निकालना....। मैं गाडी चला रहा था लेकिन पूरा ध्यान बैकव्यू मिरर पर ...। परफैक्ट नॉट बाँधने के बाद बेटे ने विजयी मुस्कान के साथ उसी शीशे में मुझसे नजरें मिलाईं ... झटके के साथ गर्दन उठाई .. और गरूर से बोला - "देखा !!!"
भगवान भला करे उन स्कूल वालों का जहां मैं पढ़ा, पूरा टाई-मुक्त बचपन गुजारा। बड़े होने पर शादी-ब्याह या अन्य किसी समारोह में जाना होता था तो डैडीजी बड़ी तन्मयता से हम भाईयों के गले में टाई के छोर ना जाने कैसे-कैसे एक दूसरे में घुसा के, निकाल के, खींच के सैट करके मुस्कुराते हुए कहते थे- "अब बनी है सही नॉट !!"
मैं वो नॉट खराब नहीं होने देता। सावधानी से उतार कर अगले इस्तेमाल के लिए रख लेता। जब भी आवश्यक होता पूरी श्रृद्धा के साथ वरमाला की तरह गले में डाल कर, एक हाथ से पहले से बँधी हुयी नॉट पकड़ के दूसरे हाथ से टाई का पतले वाला छोर, जो कि आवश्यक रूप से अन्दर की तरफ ही रखा जाता है, को खींच कर किसी तरह सैट कर लेता और जतन से अपनी शर्ट के कॉलर से ढाँप लेता। तमाम झंझटों से भरे हुए इस रंग-बिरंगे परिधान को पहने का सलीका ना मुझे आया और ना ही मैंने कभी सीखने का प्रयास किया।
शादी के वक़्त भी, मुझे अच्छे से ध्यान है, बरात की घोडी गेट पर खड़ी थी, बैंड बज रहा था, और मैं टाई हाथ में लिए रिश्तेदारों से भरे घर में अपने डैडीजी को ढूंढ रहा था। ज्यदातर टाइयां जो मेरे पास हैं, वो मेरी पत्नी ने खरीदी हैं या किसी ने दी हैं। एक-दो बार मैं भी खरीदने गया हूँ। घनघोर कन्फ्यूज हो जाता हूँ। रंगों और किस्मों की इतनी वैरायटी .. !! ठीक से समझ आ गया है कि महिलायें साड़ियाँ खरीदते वक्त इतनी कन्फ्यूज क्यों रहतीं हैं।
बरहाल, समय के साथ टाइयां भी बदल रहीं हैं और उनको बांधने का स्टाइल भी। सिंगल-नॉट, विंडसर-नॉट, डबल-नॉट ... और ना जाने क्या-क्या। किसी जमाने में केवल पुरुषों के गले पड़ने वाली टाई अब जींस, पेंट, शर्ट, टीशर्ट, पायजामा और हाफ पेंट की तरह ही लिंग भेद भूल कर महिलाओं की भी पसंद बनती जा रही है।
आप भी सोच रहे होगे कि आज ये अचानक टाई-पुराण कहाँ से शुरू हो गया। हुआ कुछ इस तरह कि मेरा पुत्र जो तीसरी कक्षा का छात्र है, उसने एक दिन एलान कर दिया कि अब वो इलास्टिक वाली "सुविधाजनक" टाई पहन कर स्कूल नहीं जाएगा। बस आ गयी नयी टाई और साथ ही साथ खड़ी हो गयी एक विकट समस्या भी कि अब इसे बांधेगा कौन। किसी मित्र से मिन्नतें कीं ... बँधवा के दी। कुछ दिनों के बाद उसने उसकी गाँठ खोल ली। वही संकट फिर खड़ा हो गया। बहुत फटकार लगाई। और टाई ... टाई बेचारी पड़ गयी अलमारी के किसी कौने में।
अभी कुछ दिन पहले डैडीजी घर आए। आज सुबह-सवेरे ही वापस चले भी गए। उनके जाने के बाद जल्दी-जल्दी ऑफिस जाने की तैयारी में लग गया। बेटे को भी फ़टाफ़ट तैयार कराया। थोड़ी देर भी हो रही थी। मैं गाड़ी निकाल कर तैयार था कि देखा- बेटा हाथ में टाई लिए चला आ रहा है। बस झुंझलाहट आ गयी- अब इसे बांधेगा कौन। बेटा चुपचाप पीछे की सीट पर बैठ गया। और बस फिर उसी तरह जैसे डैडीजी करते थे... टाई के छोर को पकड़ के यहाँ से घुसाना .. वहाँ से निकालना....। मैं गाडी चला रहा था लेकिन पूरा ध्यान बैकव्यू मिरर पर ...। परफैक्ट नॉट बाँधने के बाद बेटे ने विजयी मुस्कान के साथ उसी शीशे में मुझसे नजरें मिलाईं ... झटके के साथ गर्दन उठाई .. और गरूर से बोला - "देखा !!!"
List of Casino Sites With Real Money Gambling
ReplyDeleteFind the BEST Casino Sites that accept US 바카라 필승전략 Players in 2021. Check our list of the top US 토토 커뮤니티 Casino 코인갤러리 Sites that 룰렛프로그램 Accept US Players! Find the BEST Casino 졸리다 Sites
The Real Vegas Casino Bonus Codes & Promo Codes 2021
ReplyDeleteThe latest no 영천 출장안마 deposit casino bonus codes in 경기도 출장샵 December 2021 ✓ Huge offers ✓ Free 동해 출장샵 Spins + 100% Match Bonus up to 남양주 출장마사지 $1000!🎁 Free Spins: 100🥇 Best Overall 포천 출장안마 Score: 93%💻 Minimum Deposit: $20