दो दिन से TV पर राजेश खन्ना छाये हुए हैं.. FM पर भी राजेश खन्ना... अखबारों में भी राजेश खन्ना... भारतवर्ष के पहले सुपर स्टार.... कैसे बने राजेश खन्ना सुपर स्टार ??
बचपन से सिनेमा देख रहे हैं... मम्मी-डैडी के साथ जाते थे.... मल्टीप्लेक्स नहीं होते थे तब.... एसी तो छोड़ ही दो.. कूलर वाला सिनेमा हॉल भी कहीं-कहीं ही होता था.. फिल्म लगती थी तो महीनों चलती थी.... शहर भर की दीवारें पोस्टरों से भर दी जातीं थीं.. रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगा कर प्रचार किया जाता था.. ये बड़ा सा एक पोस्टर सिनेमा हॉल की लगभग आधी इमारत को ढँके रखता था.... अन्दर लाल-काली रैक्सीन वाली सीटों की लाइन.... अन्दर की दीवारों पर ४५ अंश के कोण पर झुके सीलिंग फैन... लोग भाग के सबसे पहले उन्हीं के पास वाली कुर्सियाँ पकड़ते थे ... बाकी शर्ट के ऊपर के २-३ बटन खोल के रूमाल से हवा मारते थे... परदे पर राजेश खन्ना रो रहे हैं तो पब्लिक रो रही है... नाच रहे हैं तो पब्लिक सीटी- ताली मार रही है.... राजेश खन्ना की "विदाई" को कवर करने वाले आज कल के छोकरे टाइप जर्नलिस्ट कैसे अंदाजा लगा पायेंगे कि लोग एक ही फिल्म आठ-आठ बार देखते थे.... "कैसे देख लेते थे?" ... कैसे??.. अजी बैलबौटम पहन के देखते थे .. बकरे के कान जैसे कॉलर वाली शर्ट पहन के देखते थे ... कई-कई बार देखते थे... आखिर राजेश खन्ना कट बाल भी तो सैट कराने हैं... पूरा स्टाइल फौलो किया जाता था... लेडीस रूमाल पर राजेश खन्ना प्रिंटेड होते थे... मेरी माँ की उम्र की औरतें 'पुष्पा' हो जातीं थी जब वो कहते थे- "आई हेट टीअर्स"!!!
महान 'सुपर स्टार' को भावभीनी श्रधान्जली!!!!
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